Wednesday 31 December 2014

दुनिया की इस भीर में खुद को अलग रखो तो बहूत अछा है, मोर हजारो मिलेगे तुमको, कई मिलेगे तुमे तुमारी रहो में अपने एम्बिशन तक जाने वाली राह चुनो तो बेहत अच्छा ह कदम कदम पर यहाँ सबी को बस ठोककर ही मिलते है थाम कर मेरा हाथ अगर तुम संबल सखो तो अच्छा है..........


hi..............

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